'धर्म, अध्यात्म और राष्ट्र' पर विशेष संगोष्ठी
जनकपुरधाम. नेपाल-भारत खुली सीमा संवाद समूह द्वारा आयोजित 'धर्म, अध्यात्म और राष्ट्र' विषय पर विशेष संगोष्ठी देवडीहा में संपन्न हुई।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शंकराचार्य जी का देवडीहा आगमन था, साथ ही पुरी शंकराचार्य के प्रिय शिष्य प्रेम चंद्र झा की उपस्थिति भी थी।
सेमिनार की अध्यक्षता देव चंद्र झा ने की। अपने भाषण में उन्होंने भगवान शंकराचार्य जी को यथाशीघ्र देवडीहा आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता (कलकत्ता उच्च न्यायालय) और पुरी शंकराचार्य के प्रिय शिष्य प्रेम चंद्र झा थे। उन्होंने धर्म, अध्यात्म और राष्ट्रीय पहचान पर गहन विचार प्रस्तुत किए।
विशेष अतिथि के रूप में नेपाल-भारत खुली सीमा वार्ता समूह के अध्यक्ष डॉ. राजीव झा और डॉ. आर.एन. झा, बुद्धिजीवी राजकुमार झा, माना जी, इंद्रेश झा, कृष्ण कुमार साह, सुदीप महतो, ईश्वर कापर, सुभाष झा व अन्य उपस्थित थे.
समूह के अध्यक्ष राजीव झा ने नेपाल-भारत खुली सीमा के लाभ और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला तथा सीमा को पूरी तरह खुला रखने की आवश्यकता बताई।
आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से धर्म, आध्यात्म और देशभक्ति के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ नेपाल और भारत की सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया गया।
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