नेपाल में लाइसेंस की जगह अब राष्ट्रीय पहचान पत्र करेगा काम
सरकार अगले वित्तीय वर्ष से नया लाइसेंस लेने और उसका नवीनीकरण कराने वालों को राष्ट्रीय पहचान पत्र में लाइसेंस का विवरण देने जा रही है। लाइसेंस की छपाई में देरी और लोगों को राष्ट्रीय पहचान पत्र नहीं मिलने की समस्या के समाधान के लिए सरकार पहचान पत्र में लाइसेंस का विवरण शामिल करने जा रही है।
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में मंत्रिपरिषद को एक प्रस्ताव भेजा है। गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय पहचान पत्र एवं पंजीकरण विभाग ने इस संबंध में तैयारी पूरी कर ली है।
विभाग के निदेशक मुकेश केसरी ने कहा, '' साउन एक गते से लाइसेंस का विवरण राष्ट्रीय पहचान पत्र में रखने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है।'' पहचान पत्र ही लाइसेंस का काम करेगा । ट्रैफिक पुलिस पहचान पत्र पर लगे क्यूआर कोड के जरिए लाइसेंस की जांच करेगी।
इसके क्रियान्वयन के लिए विभाग सभी संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक कमेटी बनाकर होमवर्क कर रहा है। विभाग ने कहा है कि परीक्षण के दौरान यह योजना सफल रही है।
राष्ट्रीय पहचान पत्र विभाग के निदेशक केसरी के अनुसार, विभाग वर्तमान में प्रतिदिन 18,000 राष्ट्रीय पहचान पत्र छाप रहा है। लेकिन उपयोगी नहीं होने के कारण आम लोग इसे लेने नहीं आए । सरकारी कार्यालयों में 30 लाख से अधिक पहचान पत्र जमा हैं। दूसरी ओर, 15 लाख से अधिक नागरिक अपने लाइसेंस के प्रिंट होने का इंतजार कर रहे हैं। चूंकि पहचान पत्र ही लाइसेंस का काम करेगा, इसलिए दोनों एजेंसियों ने इस मुद्दे पर चर्चा कर इस समस्या के समाधान के आधार पर एक प्रस्ताव रखा है।.
विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, लाइसेंस फॉर्म भरने और नवीनीकरण के लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर अनिवार्य होगा और ऐसा करने पर विभाग को बायोमेट्रिक्स सहित डुप्लिकेट विवरण नहीं लेना होगा। इससे आम जनता को आसानी होगी और परिवहन कार्यालय का कार्यभार भी कम होगा।
परिवहन प्रबंधन विभाग के महानिदेशक उद्धव प्रसाद रिजाल का कहना है कि अगर राष्ट्रीय पहचान पत्र के जरिए लाइसेंस जारी किया जाएगा तो दोहरा खर्च रुकेगा और सरकार को सालाना एक अरब की बचत होगी। हालांकि उनका कहना है कि लाइसेंस की छपाई पूरी तरह से बंद नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "हम उन लोगों के लिए लाइसेंस प्रिंट करते हैं जो विदेश जा रहे हैं और जिन्हें तत्काल ज़रूरत है।"
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