सात राजनयिक मिशनों में राजदूतों की नियुक्ति की तैयारी
काठमाण्डू । नेपाल सरकार ने विदेशों में सात राजनयिक मिशनों में राजदूतों की नियुक्ति की सिफारिश करने की तैयारी कर ली है। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि जितनी जल्दी हो सके राजदूत की नियुक्ति की सिफारिश की जाएगी। जल्द से जल्द निर्णय लेने के लिए चर्चा चल रही है। हालांकि, राजदूतों के कार्यकाल के बाद लौटने के बाद सरकार ने नियुक्ति की तैयारी कर ली है।
वर्तमान में, पांच दूतावास और दो संयुक्त राष्ट्र मिशन प्रमुख विहीन हैं। न्यूयॉर्क और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन और संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, कुवैत, थाईलैंड और फ्रांस से राजदूत स्वदेश लौट आए हैं।
रिक्त होने की वजहों को देखें तो पता चलेगा कि न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि अमृत बहादुर राय, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि मणि प्रसाद भट्टाराई, संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत कृष्ण प्रसाद ढकाल, कनाडा के भृगु ढुंगाना, कुवैत के दुर्गा प्रसाद भंडारी और फ्रांस के राजदूत दीपक अधिकारी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। कार्यकाल ख़त्म होने के बाद देश लौटे सभी लोग विदेश मामलों के संयुक्त सचिव हैं। अब सरकार सभी सात पदों पर विदेश मामलों के संयुक्त सचिव की नियुक्ति की सिफारिश करने जा रही है।
राजदूतों की अनुशंसा के बाद संसदीय समिति उनकी सुनवाई करेगी और समिति की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति द्वारा राजदूत की नियुक्ति की जायेगी। संबंधित देश से एग्रीमो (स्वीकृति) मिलने के बाद राष्ट्रपति राजदूतों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सभी सात राजदूत विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (कैरियर राजनयिक) हैं। विदेश मामलों में राजदूत पद के लिए लोक बहादुर थापा, धन बहादुर ओली, राम प्रसाद सुबेदी, सुधीर भट्टाराई, तेज बहादुर छेत्री, घनश्याम लमसल, प्रकाशमणि पौडेल और अन्य दावेदार हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, नेपाल के 32 देशों में 39 निवासी राजनयिक मिशन हैं। नेपाल के सभी महाद्वीपों, सभी शक्तिशाली देशों, विकास भागीदार देशों, श्रम गंतव्य देशों में दूतावास हैं। दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान, भूटान और मालदीव में नेपाल का कोई दूतावास नहीं है।
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