35,000 करदाता प्रणाली से क्यों हुआ बाहर ?
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चालू वित्तीय वर्ष वि.सं. 2079/80 के 10 महीनों के भीतर, 35,000 करदाताओं ने राजस्व प्रणाली छोड़ दी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, बैसाख महिने के अंत तक 35,000 करदाताओं का पंजीकरण रद्द कर दिया गया। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल तक 35 हजार 389 करदाताओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।.
आंतरिक राजस्व विभाग के प्रवक्ता राजुराज प्याकुरेल के अनुसार, आमतौर पर व्यवसाय बंद होने के आदेश के अनुसार पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। कुछ मामलों में, करदाता द्वारा आवेदन जमा करने के बाद भी फाइलें लंबित रहती हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देश दिया है कि ऐसी फाइलों को लंबे समय तक लंबित न रखकर उनका निष्पादन किया जाये। इसके मुताबिक, इस साल करदाताओं के रजिस्ट्रेशन रद्द कराने की संख्या काफी ज्यादा देखी गई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल तक सिर्फ 2,429 एक्साइज ड्यूटी रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। मूल्य अभिवृद्धि कर रद्दीकरण की संख्या 4,607 है।
इनका यह भी मानना है कि ''यह कहा जा सकता है कि अगर 2,429 शराब की दुकानें बंद हैं तो यह उत्पाद शुल्क खत्म होने का संकेत है।'' इसके अलावा, इस साल राजस्व संग्रह में कमी यह भी बताती है कि घरेलू अर्थव्यवस्था आरामदायक स्थिति में नहीं है। 4 जुलाई तक 8 खरब 68 अरब 49 करोड़ रुपये का कर राजस्व एकत्र हो चुका है। यह कुल लक्ष्य का मात्र 61.9 प्रतिशत है। इस साल सरकार ने 14 खरब 3 अरब रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इस साल वित्त मंत्रालय ने खुद माना है कि सिर्फ सीमा शुल्क ही नहीं बल्कि आंतरिक तौर पर आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
कितने करदाता ?
वित्त मंत्रालय के मुताबिक देशभर में स्थायी खाता संख्या वाले करदाताओं की संख्या 54,33,824 है। इनमें 35 लाख 37 हजार 248 लोगों ने पर्सनल परमानेंट अकाउंट नंबर और 18 लाख 70 हजार 457 लोगों ने प्रोफेशनल परमानेंट अकाउंट नंबर लिया।
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