दुल्हन क्यों चुनती है लाल रंग का लहंगा ?
हर लड़की को शादी को लेकर बड़े ख्वाब होते हैं। वह तमाम तरह की चीजों को यादगार बनाना चाहती है। ऐसे में लहंगा को लेकर क्यों कोई कसर छोड़ा जाए इसलिए अधिकांश लड़कियां कुछ हटके लहंगा खरीदने के बारे में सोचती हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू दुल्हन अधिकतर लाल रंग का लहंगा ही क्यों पहनती हैं?
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि लाल रंग से हिंदू वेडिंग का क्या कनेक्शन है।
1. लाल रंग को हिंदू धर्म में हमेशा ही बहुत पवित्र रंग माना गया है। यह रंग शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही यह रंग अग्नि और सूर्य का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो इस बात का संकेत होते हैं कि महिलाएं कितनी तेजस्वी होती हैं।
वैसे भी हिंदू धर्म में हर रंग किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है। लाल रंग भी हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा पवित्र माना गया है। ज्योतिष के आधार पर मंगल ग्रह का रंग लाल होता है। सूर्य भी लब उगता है तो उसका रंग लाल होता है।
इस विषय पर विशेषज्ञ का मानना है कि 'शादी विवाह के मामले में मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि कुंडली में मंगल कमजोर है, तो शादी रुक में रुकावट आ जाती है।'
2. लाल रंग को देवी लक्ष्मी धारण करती हैं। देवी लक्ष्मी के 8 स्वरूप होते हैं, जिसमें से धन लक्ष्मी लाल रंग के वस्त्रों को धारण करती हैं। इसलिए दुल्हन को लाल रंग का शादी का जोड़ा पहनने के लिए दिया जाता है। केवल लहंगा ही नहीं लाल रंग का सुहाग का रंग भी कहा जाता है, इसलिए सिंदूर, बिंदी और चूड़ी भी दुल्हन को लाल ही पहनाई जाती है।
3. पश्चिमी सभ्यता में भी लाल रंग को प्यार का रंग कहा जाता है और दिल को हमेशा लाल रंग से सूचित किया जाता है। ऐसे में पति-पत्नी के इस पवित्र बंधन में लाल रंग का विशेष महत्व है और यह दोनों के बीच के प्यार को बढ़ाता है।
4. लाल रंग ऊर्जा और रिश्ते में मधुरता को बढ़ाता है। वास्तु के हिसाब से तो केवल नवविवाहिता के लहंगे का रंग ही लाल नहीं होता है, बल्कि कमरे की दीवार पर भी लाल रंग कराने से दोनों के संबंध मधुर होंगे।
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