कैसे बनता है 'धातु' से मूर्ति, जानिए इस कलाकार से (वीडियो सहित)
आज हम इसमें बताने जा रहे हैं कि आखिर किसी धातु चाहे वो अल्यूमिनियम हो या पीतल या कोई और अन्य इसेे पिघलाकर उसे मूर्ति का रूप दे दिया जाता है। ऐसा काम कहीं-कहीं या ना के बराबर आपको देखने को मिला होगा। आज हम एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं जो नेपाल की गलियों में घुम-घुमकर ग्राहकों के बेकार पड़े एलुमिनियम, पीतल, तांबा आदि धातु को पिघलाकर मूर्ति बनाते हैं। हैं तो यह शख्स भारत के आंध्रप्रदेश के रहने वाले लेकिन ये और उनकी टीम नेपाल के गलियों में अपना कमाल कर रहे हैं।
Video - https://youtu.be/NP-8Mp66pUE
मूर्ति बनाने के प्रक्रिया की बात की जाए तो इसमें मोल्डिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है। मोल्ड को तैयार करने के लिए पैटर्न को, तैयार किए गए बालू में अच्छी तरह दबाते हैं और उसके बाद पैटर्न को बाहर निकाला जाता है। पैटर्न को निकालने की वजह से बालू में एक खाली स्थान बन जाता है जिसे मोल्ड कहते हैं और इस पूरी प्रक्रिया को मोल्डिंग कहते हैं।
धातु को पिघलाकर उसे किसी वांछित आकार में प्राप्त करने के लिए पैटर्न का निर्माण किया जाता है और इस पैटर्न की सहायता से बालू में सांचा बना लिया जाता है। इस सांचे में पिघली धातु डालकर ठंडी होने के लिए छोड़ दी जाती है और जब धातु ठंडी हो जाती है तो पैटर्न के अनुसार पार्ट का निर्माण होता है।
अब बात करें इस काम में सामग्री की तो मूर्ति बनाने के लिए जिन-जिन सामग्री या राॅ मेटेरियल की जरूरत पड़ती है उसे ग्राहक खुद लेकर आता है चाहे वो एलुमिनियम, तांबा, हो या फिर कांस्य, पीतल। इसमें सामग्री की बात की जाए तो मूर्ति बनाने के लिए बर्तन काटने के औजार, साॅंचे बनाने के लिए बाक्स, कोयला और आग जलाने के लिए पंखा की जरूरत पड़ती है।
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