नेपाल
वि.सं. 2079 का आम चुनाव सम्पन्न हो चुका है और अब सबकी निगाहें सरकार बनने पर है। आखिर प्रदेश से लेकर केंद्र तक किसके-किसके हाथ मंत्री तो किसके हाथ मुख्यमंत्री पद हासिल हो पाता है। वहीं केंद्र में प्रधानमंत्री पद को लेकर उत्सुकता देखने लायक होगी। ये सारे कयास आगामी गठबंधन पर निर्भर करता है कि आखिर कौन सा दल विभिन्न प्रदेशों और केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो पाती है। इन सबके बीच निर्वाचित महिलाओं की बात करें तो प्रदेश सभा में जहां प्रत्यक्ष की ओर से मात्र 14 महिलाएं निर्वाचित हुयी है वहीं समानुपातिक प्रणाली के माध्यम से चुने गए 220 सांसदों में से लगभग 76 प्रतिशत महिलाएं होने के आसार हैं। इस मामले में संविधान की बात करें तो सातों प्रदेश सभा के 550 सांसदों में से 33 प्रतिशत यानि कि कम से कम 181 महिला सांसद होना चाहिए। प्रत्यक्ष से निर्वाचित हुए 330 सांसदों में से केवल 14 महिला विजयी हुयी। ऐसे में संवैधानिक व्यवस्था के हिसाब से अब दलों को समानुपातिक से 220 सांसदों में से बांकि 167 महिला को सांसद सीट देना होगा तब जाकर 33 प्रतिशत यानि 181 महिला सांसदों का कोटा पूरा होगा। प्रदेशों में पार्टियों को अब तक मिले वोटों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि सभी सात प्रदेशों में समानुपातिक प्रतिनिधित्व से आने वाले 220 सांसदों में 167 महिलाएं होंगी।
नेपाल के सातों प्रदेश में प्रत्यक्ष से मात्र 14 महिला विजयी जबकि समानुपातिक से 76 फीसदी महिला निर्वाचित होने की संभावना
वि.सं. 2079 का आम चुनाव सम्पन्न हो चुका है और अब सबकी निगाहें सरकार बनने पर है। आखिर प्रदेश से लेकर केंद्र तक किसके-किसके हाथ मंत्री तो किसके हाथ मुख्यमंत्री पद हासिल हो पाता है। वहीं केंद्र में प्रधानमंत्री पद को लेकर उत्सुकता देखने लायक होगी। ये सारे कयास आगामी गठबंधन पर निर्भर करता है कि आखिर कौन सा दल विभिन्न प्रदेशों और केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो पाती है। इन सबके बीच निर्वाचित महिलाओं की बात करें तो प्रदेश सभा में जहां प्रत्यक्ष की ओर से मात्र 14 महिलाएं निर्वाचित हुयी है वहीं समानुपातिक प्रणाली के माध्यम से चुने गए 220 सांसदों में से लगभग 76 प्रतिशत महिलाएं होने के आसार हैं। इस मामले में संविधान की बात करें तो सातों प्रदेश सभा के 550 सांसदों में से 33 प्रतिशत यानि कि कम से कम 181 महिला सांसद होना चाहिए। प्रत्यक्ष से निर्वाचित हुए 330 सांसदों में से केवल 14 महिला विजयी हुयी। ऐसे में संवैधानिक व्यवस्था के हिसाब से अब दलों को समानुपातिक से 220 सांसदों में से बांकि 167 महिला को सांसद सीट देना होगा तब जाकर 33 प्रतिशत यानि 181 महिला सांसदों का कोटा पूरा होगा। प्रदेशों में पार्टियों को अब तक मिले वोटों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि सभी सात प्रदेशों में समानुपातिक प्रतिनिधित्व से आने वाले 220 सांसदों में 167 महिलाएं होंगी।
समानुपातिक रूप से मधेस एवं बागमती प्रदेशों से सर्वाधिक 31-31 महिलाओं का चयन किया जायेगा। इसी तरह, प्रदेश 1 से 29, लुम्बिनी से 28, गंडकी से 18, सुदूर पश्चिम से 17 और कर्णाली से 13 महिलाओं के चुने जाने की संभावना है।
विश्लेषण करने से यह ज्ञात होता है कि पार्टियों ने महिलाओं को टिकट बांटने में सीधे तौर पर लापरवाही की है। चूंकि निर्वाचित महिलाओं की संख्या बहुत कम है, इसलिए पार्टियों को समानुपातिक रूप से महिलाओं की उपस्थिति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
यह चौंकाने वाली बात है कि कर्णाली और सुदूरपश्चिम प्रदेशों में एक भी महिला सीधे निर्वाचित होने में असफल रही। प्रदेश-एक से केवल दो, मधेस से चार, बागमती से पांच, गंडकी से दो और लुम्बिनी से एक महिला सांसद प्रत्यक्ष से निर्वाचित हुई है।
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