कोरोना काल में वरदान साबित हो रहे हैं गैर सरकारी संगठन
प्रेस विज्ञप्ति:
पूरी दुनिया कोरोना महामारी के गिरफ्त में है | विशेषकर भारत ने कोरोना की दूसरी लहर तक तकरीबन 267540 अमूल्य मानवीय संसाधनों को खोया है जिसकी पूर्ति कदापि नहीं की जा सकती है | परन्तु इससे एक सीख लेकर औरों को बचाया जा सकता है | केंद्र व संबंधित राज्य सरकारें उपलब्ध संसाधनों के साथ लोगों को अपेक्षित सहयोग दे रही है | आजकल सरकार के साथ –साथ बहुत सारे गैर सरकारी संगठन एवं संसाधन युक्त व्यक्ति आगे आकर पीड़ित परिवारों के दुःख व उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए अग्रसर हो रहे हैं | इस कड़ी में सार्ड एवं सी.आर.एस. के संयुक्त प्रयास से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 53 स्कूलों व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 30 स्कूलों के कोरोना प्रभावित परिवारों को सहायता राशि, सूखा राशन, कोरोना किट व बेबी फूड दिया जा रहा है |
सार्ड एवं सी.आर. एस ने न केवल दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में कोरोना पीड़ित परिवारों की सुध ली है अपितु दिल्ली के 800 परिवारों में भी कोरोना प्रभावित परिवारों को सहायता राशि , सूखा राशन, बेबी फूड व कोरोना किट दिया जा रहा है | यह सहायता इस विपदा की घड़ी में स्वयं नहीं आई है बल्कि सार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुधीर भटनागर जी अपनी दूरगामी सोच व वर्तमान वैश्विक महामारी में लोगों के दर्द को दिल से महसूस कर व्यक्तिगत प्रयास द्वारा लाए हैं |
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