कोरोना काल में सबसे कम श्रीलंका तो वहीं सबसे अधिक यूएई से घर लौटने में सफल हुए नेपाली
कोरोना महामारी के कहर के बीच दुनियाभर के कामदारों ने स्वदेश वापसी में ही अपनी भलाई समझी। वैसे तो स्वदेश वापसी प्रक्रिया भी आसान नहीं थी, इसके बावजूद कड़ी मशक्कत के बाद अब तक दुनियाभर के विभिन्न 32 देशों से एक लाख 23 हजार चार सौ 12 नेपाली स्वदेश वापस आने में अब तक सफल रहे हैं। जिसमें से सबसे कम श्रीलंका से केवल 6 लोग तो वहीं सबसे अधिक यूएई से 35695 नेपाली स्वदेश लौटें।
कोविड- 19 संकट व्यवस्थापन केंद्र सीसीएमसी के अनुसार 27 अक्टूबर तक 1 लाख 23 हजार 4 सौ 12 नेपाली स्वदेश वापस आये हैं। बता दें कि कोरोना महामारी जोखिम न्यूनीकरण के लिए नेपाल सरकार ने बीते चैत महीना में अन्तर्राष्ट्रिय सीमा को बन्द करते हुए हवाई उड़ान सहित रोक लगा दी थी। लेकिन इसी दौरान चार्टर उडान के माध्यम से समस्या में फंसे नेपालियों को नेपाल लाने का निर्णय किया गया। इन नागरिकों को पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण के बाद देश में लाया गया तथा इनके रहने के लिए आइसोलेशन तथा क्वारेंटाईन की भी व्यवस्था की गई।
अब तक 32 देशों से आये नेपालियों में जॉर्डन से 577, साइप्रस से 64, इराक से 39, भारत से 85 लोग शामिल है जो हवाई मार्ग से नेपाल आये।
यहां यह बात उल्लेखनीय है कि भारत में बड़ी संख्या में कार्यरत नेपाली सड़क माध्यम से नेपाल आये। जिसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो सका है।
इसी प्रकार देखें तो अफगानिस्तान से 50, आस्ट्रेलिया से 1100, ओमान से 2126, कतार से 23003, म्यांमार से 26, कुवैत से 9923 और जापान से 3541 नेपाली घर लौटे।
इसी क्रम में, थाईलैंड से 477, दक्षिण कोरिया से 1811, बांग्लादेश से 930, मलेशिया से 17924, मालदीव से 1026, सउदी अरब से 17322, सिंगापुर से 856, हांगकांग से 546, पाकिस्तान से 111, बहराइन से 1339, अमेरिका से 437, इंग्लैंड से 229 और इजरायल से 127 नेपाली स्वदेश आए।
इसी तरह, चीन से 540, फिलीपीन्स से 201, स्विट्ज़रलैंड से 10 और दक्षिण सूडान से 250 नेपाली अपने-अपने घर आने में सफल हो सके।
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