क्या चूहे को भी मिल सकता है गोल्ड मेडल, जानिए आखिर क्यों एक चूहा को मिला यह पदक?
Photo Source - CBS |
आपने कुत्ते, घोड़े जैसे जानवर को पुरस्कृत करते हुए तो सुना होगा लेकिन किसी चूहे को स्वर्ण पदक भी मिल सकता है यह शायद आपने ना तो सुना होगा और ना ही देखा होगा। जी हां, एक चूहे को बारूदी सुरंगों का पता लगाने वाले के लिए स्वर्ण पदक से नवाजा गया। यह एक खास प्रकार का चूहा है जो अपने 7 साल के करिअर में 39 लैंडमाइंस का पता लगाया।
ऐसा हैरान कर देने वाला मामला ब्रिटेन से आया है जहां वेटनरी चैरिटी करने वाली संस्था पीडीएसए ने एक अफ्रीकी चूहे ‘मगावा’ को ‘बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण’ को लेकर स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।
यह दिलचस्प बात है कि इस चूहे ने कंबोडिया में अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया था। कहा जा रहा है कि अपने काम के दौरान इस चूहे ने 28 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई। अफ्रीका के इस सात वर्षीय पाउच्ड चूहे का नाम मागावा है।
ब्रिटेन की चैरिटी संस्था पीडीएसए ने 25 सितंबर को इस चूहे के काम से प्रभावित होकर गोल्ड मेडल प्रदान किया। बता दें कि चैरिटी संस्था एपीओपीओ ने मागावा को इस काम के लिए प्रशिक्षित किया था।
चैरिटी के अनुसार, मागावा ने अपने काम से कंबोडिया में 20 फुटबाल मैदानों के बराबर के क्षेत्र को बारूदी सुरंगों और विस्फोटकों से मुक्त किया है। इस समय मागावा का वजन 1. 2 किलो है, इसलिए बारूदी सुरंगों के ऊपर से चलने के समय भी इसके वजन से विस्फोट नहीं होता।
दिलचस्प बात यह भी है कि चूहों को चैरिटी संस्था एपीओपीओ 1990 से ही ट्रेंड करती है। यह संस्था बेल्जियम में पंजीकृत है और अफ्रीकी देश तंजानिया में काम करती है।
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