आखिर ‘विषैले सांपों’ को क्यों पाला जाएगा 72 करोड़ रूपए की लागत में? - Nai Ummid

आखिर ‘विषैले सांपों’ को क्यों पाला जाएगा 72 करोड़ रूपए की लागत में?


विषैले सांपों को पालने की बात सुनकर आप अचरज में पड़ जाएंगे। क्योंकि ऐसा शायद आपने पहले नहीं के बराबर सुने होंगे या फिर कम ही सुनने को मिला होगा। जी, ऐसा हो रहा है नेपाल के सर्लाही जिले के लालबन्दी नगरपालिका में जहां सांप पालन तथा ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि समेत उत्पादन करने के उद्देश्य से साढे आठ बीघा जमीन में 72 करोड़ की लागत में विषैले सांपों को पाला जाएगा। 


नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्री तथा नेकपा के वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल के नाम पर खुलेे ‘झलनाथ खनाल स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान’ सांपों के विष उत्पादन को लेकर एक परियोजना पर काम कर रही है। इस प्रतिष्ठान का उद्देश्य है कि सांपों को पालकर ‘एन्टी स्नेक वेनम’ नामक औषधि का स्वदेश में ही उत्पादन किया जाए। 

पूर्व प्रधानमन्त्री तथा नेकपा के वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल

नेकपा के सर्लाही जिला अध्यक्ष रेवती पन्त के अनुसार, सर्प पालन तथा ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि उत्पादन परियोजना के लिए संघीय सरकार, 2 नं. प्रदेश सरकार और लालबन्दी नगरपालिका के साथ प्रतिष्ठान ने 72 करोड़ रुपैया के परियोजना पर हस्ताक्षर किया है। 


समझौता के अनुसार, सर्प पालन तथा ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि उत्पादन के लिए प्रतिष्ठान ने लालबन्दी नगरपालिका-1 में प्रति कठ्ठा साढे 3 लाख रुपैया की दर से टेण्डर द्वारा साढे आठ बीघा जमीन खरीदा है। प्रतिष्ठान द्वारा खरीदे गए इस जमीन में तीनों स्तर के सरकार की लागत है।

अध्यक्ष पन्त के अनुसार, ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि उत्पादन के लिए भवन बनाने का भी काम शुरु हो चुका है। आगामी पांच वर्षों के भीतर भवन, लैब सहित आवश्यक सभी संरचनाएं बन जाएगा और इसी के साथ सर्प पालन तथा ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।   

आंकड़ों की बात करें तों विषैले सांपों के काटने से तराई क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष लगभग 2500 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।  सांपों द्वारा काटने के बाद इसके पीड़ितों को बचाने के लिए प्रयोग की जाने वाली ‘एन्टी स्नेक वेनम’ नामक औषधि सर्प के विष से बनाया जाएगा। 

अभी तक नेपाल में ‘एन्टी स्नेक वेनम’ औषधि का उत्पादन नहीं होने के कारण यह औषधि भारत से आयात किया जाता रहा है। 

इस बारे में पूर्व प्रधानमन्त्री तथा नेकपा के वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल को चिन्ता थी कि तराई में सांप काटने की समस्या से कैसे निपटा जाए। इसलिए उसने इसमें दिलचस्पी दिखायी और इस परियोजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत नेकपा सर्लाही जिला अध्यक्ष रेवती पन्त की अध्यक्षता में ‘झलनाथ खनाल स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान’ का गठन किया गया। 

अध्यक्ष पन्त के अनुसार, 2 नं. प्रदेश का यह ‘गौरव आयोजन’ है। परियोजना का कार्यक्रम आगे बढ़ चुका है। सम्भाव्यता अध्ययन सम्पन्न होकर डीपीआर की तैयारी हो चुका है। 

स्थानीयवासियों का मानना है कि जिस प्रकार तराई मधेस में सांप काटने से हजारों लोगों की मौत हो जाती है। उस प्रकार किसी भी नेता या सरकार में इस विषय को लेकर कोई दिलचस्पी ही नहीं थी। लेकिन प्रतिष्ठान ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाकर अब उसे अमीजलामा पहनाया जा रहा है। जिससे सर्लाहीवासी सहित पूरे देश के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। 


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